Diya Jethwani

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लेखनी कहानी -02-Jul-2023... एक दूजे के वास्ते... (20)

रोहित अपने आप को संभालते हुए :- बोलो अलका....क्या करना है मुझे..! 



रोहित..... सॉरी.....सर.....रश्मि को देख कर लगता हैं......जो कुछ भी इसके साथ हुआ है बेहोशी में हुआ हैं.....। 

तुम रोहित कह सकतीं हो अलका... लेकिन ...... मैं समझा नहीं तुम क्या कहना चाहती हो....। 


रोहित मैं ये कह रही हुं......कि रश्मि के साथ जो भी हुआ हैं.....उस बारे में रश्मि को अभी तक कुछ पता नहीं हैं.....। ये सब कुछ उसके बेहोश होने के बाद हुआ हैं.....। क्योंकि रश्मि की तरफ़ से किसी भी तरह के बचाव के निशान नही हैं.....ओर ना ही कमरे में कोई सामान अस्त व्यस्त हैं, अगर कोई रश्मि के होश में होते हुए कुछ करता तो वो अपने आप  को बचाने के लिए यहाँ रखी इतनी चीजों में से कुछ भी इस्तेमाल कर सकती थी, इधर उधर भाग सकती थी, छुड़ाने कि कोशिश कर सकती थी। 
यहाँ ऐसा कुछ भी नहीं दिख रहा हैं.....। 

हां ठीक हैं.....वो तो कोई भी लड़की बचाव में हर मुमकिन कोशिश करतीं.....पर इसका मतलब क्या? 


रोहित मैं रश्मि को अच्छे से जानती हूँ....। अगर उसे ऐसा कुछ पता चला तो वो टुट जाएगी। इसलिए मैं ये कहना चाहती हूँ.....कि रश्मि को होश आए इससे पहले हमें इसको मेरे यहाँ गेस्ट हाउस में लेकर चलना चाहिए। 


गेस्ट हाउस.....पर वहां.....क्यों? 


रोहित क्या रश्मि यहाँ अब सुरक्षित होगी....ओर अगर उन दोनों ने रश्मि को सब कुछ बता दिया या फिर से कुछ करने की कोशिश कि तो.....। 



रोहित .... मेरी समझ में ये नहीं आ रहा हैं.....कि मैं दरवाजा बाहर से बंद करके गई थीं तो फिर वो दोनों गए कहाँ....। 


रोहित चौकंते हुए :- दोनों मतलब? 


रोहित मैं जब यहाँ आई तो दो लोग थे, ओर दुसरा जो लड़का था ..... तुम्हारी ही उम्र का था.....वो उस दुसरे आदमी को अपना पापा कह रहा था....। 

रोहित चौंक कर खड़ा हो गया:- व्हाट....? ये तुम क्या कह रही हो अलका।

हां रोहित ये ही सच हैं....। पर वो दोनों गए कहां.....? 


तभी रोहित की नजर सामने खुली हुई खिड़की पर गई। 
रोहित ने मन ही मन सोचा अगर वो दुसरा शख्स रिषभ हैं......तो वो तो इस खिड़की से बाहर जा सकता हैं ओर अगर अंकल भी साथ हैं तो.....वो कैसे यहाँ से बाहर चले गए? 


रोहित क्या हुआ क्या सोच रहे हो....। चले...। 

कुछ नहीं अलका। मुझे लगता हैं....वो दोनों इस खिड़की से.....बाहर चले गए होंगे....चलो .....हमें चलना चाहिए.....पर पहले तुम रश्मि के कपड़े बदल लो मैं बाहर ही खड़ा हूँ...., मुझे आवाज लगा देना....। 


ऐसा कहकर रोहित बाहर चला गया। 
रोहित को बाहर आता देख दरवाजे के बाहर खड़ी रश्मि की मम्मी छिप गई। जब अलका ओर रोहित कमरे में आए थे वो तबसे वही खड़ी उनकी सारी बातें सुन रही थी। अलका जब रोहित को आवाजें लगा रही थी वो भी.....तबही उन आवाजों को सुनकर उठ गई थीं.....। 


अलका ने रश्मि के कमरे में रखे कबड्ड में से रश्मि के कपड़े निकाले ओर कपड़े बदल कर,रोहित को आवाज़ लगाईं। 
रोहित अंदर आया ओर उसने रश्मि को अपनी बांहों में उठा लिया ओर अलका के साथ सिढ़ियो से होता हुआ अपनी कार तक आया। अलका ने गाड़ी का दरवाजा खोला और रोहित ने आराम से रश्मि को बिठाया....। अलका भी पीछे रश्मि के साथ बैठी।
 रोहित ड्राइविंग सीट पर बैठा ओर गेस्ट हाउस की तरफ चल दिया। 
गेस्ट हाउस पहुंचते ही रोहित उतरा ओर उसने रश्मि को फिर से अपनी बांहों में उठा लिया....। रश्मि को अभी थोड़ा थोड़ा होश आने लगा था। रश्मि ने अपनी दोनों बांहे रोहित के गले में डाल दी थी। ओर अपना सर उसके सीने पर टिका दिया था, ओर वो बहुत धीमी आवाज में बोल रही थी.. मुझे कहां ले जा रहे हो। 

अलका ने ये सब देखा तो रोहित को बोला :- रोहित जल्दी चलो इसे होश आ रहा है, इसके होश में आने से पहले हमें कमरे तक पहुँच जाना चाहिए। 
रोहित ने अपने कदम तेज कर लिए ओर अलका के कमरे तक आ गए। 
अलका ने तुरंत दरवाजा खोला। 

रोहित रश्मि को लेकर अंदर गया ओर रश्मि को अलका के बैड पर लिटा दिया। 
रोहित  जैसे ही रश्मि को लिटा कर पलटा तो रश्मि ने उसकी हथेली पकड़ ली।। रश्मि अभी भी बेहोशी कि हालत में ही थी। रश्मि  रोहित कि हथेली पकड़ कर कहने लगी:-- मुझे छोड़ कर मत जाओ। वो मुझे मार देंगे, वो मम्मी को भी मार देंगे। प्लीज मुझे छोड़ कर मत जाओ.....प्लीज..... 

रश्मि कि आंखे अभी भी बंद थी पर ये सब बोलते हुए उसकी बंद आंखों से भी आंसू बह रहें थे.....। 

रोहित ने उसको ऐसे देखा तो वो रश्मि के पास आकर बैठ गया ओर रश्मि ने जिस हाथ से उसकी हथेली पकड़ी हुई थी उसे चुम लिया....। 


रोहित रोते रोते बोलने लगा:- मुझे माफ कर दो रश्मि मैं तुम्हारे लायक नहीं रहा। मैं तुम्हारी रक्षा नहीं कर सका। अपना वादा नहीं निभा सका...। मुझे माफ कर दो रश्मि, मुझे माफ कर दो। 


अलका कि आंखों में भी आंसू भर आए, उसने रोहित के कंधे पर हाथ रखा ओर कहा:- अपने आप को संभालो रोहित। प्लीज।
 
रश्मि अभी भी नींद में बड़बड़ा रही थी। 

अलका ने रोहित से कहा :- रोहित तुम्हें अब यहाँ से जाना चाहिए। अगर रश्मि को होश आ गया तो वो सवाल करेगी। 

नहीं.....अलका .....मैं रश्मि को अब ऐसे छोड़ कर कही नही जा सकता। एक बार गलती कर दी, अब नहीं। 


लेकिन रोहित वो तुम्हारे बारे में पुछेगी तो क्या जवाब देंगे। हिम्मत से काम लो। मैं हुं अभी इसके पास। तुम प्लीज घर जाओ....। 


ठीक हैं अलका.....तुम कहती हो तो मैं इस कमरे से चला जाता हूँ। लेकिन रश्मि को ऐसे छोड़ कर घर नहीं जाउंगा। मैं यही इसी गेस्ट हाउस में एक कमरा ले लेता हूँ। 


ठीक है रोहित....। ऐसा ही सही....। 


रोहित वहाँ से जाने लगा तो अलका ने उसे रोका। 

रोहित दो मिनट रुको....। 

क्या हुआ....? 

अलका अपने कमरे में रखे कबड्ड के पास गई.....ओर अपने बैग में से फर्स्ट एड बॉक्स निकाला ओर रोहित के पास आई।
 
रोहित दो मिनट यहाँ बैठो....। अलका ने पास में रखी कुर्सी की तरफ इशारा करते हुए कहा। 


इसकी कोई जरूरत नही है अलका.....। जो जख्म रश्मि को मिला हैं.....उसके आगे तो ये बहुत मामुली हैं....। 


जानती हूँ रोहित.....पर हम हिम्मत रखेंगे तभी तो रश्मि को हिम्मत दे पाएंगे। तुम्हे क्या लगता है रश्मि को ऐसे देखकर मुझे तकलीफ नहीं हो रही.....रश्मि में मेरी जान बसती हैं.....रोहित।
 

अलका रोहित के करीब आई ओर रोहित के हाथों पर हुए जख्मों पर मरहम लगाते हुए बोली:- बचपन मैं उसको एक खरोंच भी आती थी ना... भाग कर मेरे पास आती थीं.....ओर मुझे गले लगा लेती थी, कहती थी तुझे गले लगा लिया ना अब मेरा सारा दर्द भी दुर हो जाएगा। छोटी बड़ी.....हर बात मुझसे शेयर करती थीं....। ओर आज.... 


इतना कहकर अलका भी रोने लगी। 

रोहित ने उसको साईड से गले लगाकर कहा :- अभी थोड़ी देर पहले मुझे हिम्मत दे रही थी ओर अभी खुद कमजोर पड़ रही हो..... कोई ओर हो ना हो हम दोनो हैं ना रश्मि के साथ। ओर हमेशा रहेंगे। 

अभी उसका ख्याल रख मैं कमरे का अरेंज करता हूँ। फोन पर बताता हूँ फिर। 


ऐसा कहकर रोहित वहाँ से चला गया। 




# कहानीकार प्रतियोगिता

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क्या रोहित.... रिषभ ओर अपने चाचा को माफ़ कर देगा..? 
रश्मि की माँ इस सच्चाई को जानने के बाद क्या करेगी. ? 
जानने के लिए अगला भाग अवश्य पढ़े..। 



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1 Comments

Mohammed urooj khan

25-Oct-2023 12:04 AM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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